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गिरने, उठने और सिखाने की एक कहानी

हमारी कहानी


मेरा नाम बादल राजपूत है।

 यह प्लेटफ़ॉर्म सिर्फ़ एक वेबसाइट नहीं है, बल्कि मेरी ज़िंदगी के संघर्ष, टूटने, सीखने और दोबारा खड़े होने की पूरी कहानी है।

दिसंबर 2024 – ज़िंदगी का सबसे मुश्किल दौर

दिसंबर 2024 मेरी ज़िंदगी का सबसे कठिन समय था। उस दौर में मैं मानसिक और भावनात्मक रूप से पूरी तरह टूट चुका था। सब कुछ जैसे रुक-सा गया था। जब मैं धीरे-धीरे उस स्थिति से बाहर आया, तो मुझे खुद समझ नहीं आ रहा था कि मेरे साथ क्या हुआ और आगे कैसे बढ़ना है।

उस समय ने मुझे अंदर से तोड़ दिया, लेकिन वहीं से मेरी सोच भी बदलने लगी।

फ़रवरी 2025 – आगे बढ़ने का फैसला

 काफ़ी समय खुद से लड़ने के बाद फ़रवरी 2025 में मैंने एक साफ़ फैसला लिया

अब पीछे नहीं देखना है, आगे बढ़ना है।

होली से ठीक दो दिन पहले मैंने भारत में अपना पहला ब्रांड शुरू किया

Swap A.V. Grow Up (Swap A.V.)

यह ब्रांड किसी बड़े सपोर्ट या पैसों से नहीं बना था। यह मेरी मेहनत, सीखने की लगन और लगातार कोशिशों का नतीजा था।

फ़रवरी से अगस्त 2025 – पहली सफलता और पहचान


 कुछ ही महीनों में SHOPABGLOWUP (SHOPAB) तेज़ी से लोगों तक पहुँचने लगा। अगस्त 2025 तक यह ब्रांड लाखों लोगों से जुड़ चुका था और एक बड़ा नेटवर्क बन गया था।

इस दौर ने मुझे सिखाया कि अगर इरादे मज़बूत हों, तो सीमित संसाधनों से भी बड़ा काम खड़ा किया जा सकता है।




11 अगस्त 2025 – ज़िंदगी में नया मोड़

 11 अगस्त 2025 की शाम करीब 7 बजे मेरी ज़िंदगी में एक ऐसा इंसान आया, जिसने मेरी सोच और भावनाओं पर गहरा असर डाला। उससे जुड़ाव अलग था। मैंने उसे अपना सबसे क़रीबी दोस्त मान लिया।

 लेकिन इसी दौर में मेरी सबसे बड़ी गलती भी हुई। मैं अपने समय और काम के बीच सही संतुलन नहीं बना पाया।



14 अगस्त 2025 – कठिन लेकिन ज़रूरी फैसला

 व्यक्तिगत कारणों और गलत समय प्रबंधन की वजह से 14 अगस्त 2025 को मुझे एक बहुत कठिन फैसला लेना पड़ा।

मैंने अपने पहले ब्रांड SHOPABGLOWUP (SHOPAB) को अस्थायी रूप से बंद कर दिया।

जिस चीज़ को मैंने अपने दम पर खड़ा किया था, उसी को रोकना मेरे लिए आसान नहीं था।

 

10 सितंबर 2025 – फिर से टूटना


10 सितंबर 2025 को मैं एक बार फिर अंदर से टूट गया।

कुछ गलतफ़हमियों की वजह से मेरा सबसे क़रीबी दोस्त भी मेरा साथ छोड़कर चला गया। उस अलगाव ने मुझे मानसिक रूप से बहुत कमज़ोर कर दिया।

उस दिन मुझे एहसास हुआ कि रिश्तों का टूटना इंसान को अंदर तक हिला देता है, चाहे वह कितना भी मज़बूत क्यों न दिखे।



सीख और नया रास्ता

इस पूरे सफ़र में एक चीज़ कभी नहीं बदली

सीखने और सिखाने का मेरा जुनून।

जिस इंसान को पढ़ाई से प्यार था, उसी से मुझे यह समझ आया कि मुझे भी सिखाने में सुकून मिलता है। यहीं से एक नए विचार ने जन्म लिया।



Learnify की शुरुआत

 इसी सोच के साथ मैंने Learnify की शुरुआत की।

यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए बनाया गया है, ताकि पढ़ाई आसान, साफ़ और बिना भ्रम के हो सके।

Learnifyy किताबों की कठिन भाषा से नहीं, बल्कि एक छात्र की असली समस्याओं और मेरे व्यक्तिगत अनुभवों से बना है।

आज Learnifyy लाखों छात्रों तक पहुँच चुका है और लगातार आगे बढ़ रहा है।

आज और आगे

 यह सफ़र अभी ख़त्म नहीं हुआ है।

Learnify सिर्फ़ एक वेबसाइट नहीं है, यह मेरी ज़िंदगी के हर टूटे हुए पल से निकली ताक़त है।

जो भी छात्र यहाँ पढ़ता है, वह इस कहानी का हिस्सा है।

और यह कहानी अभी आगे और लिखी जानी बाकी है।



कहानी से सीख


 ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा ताक़त हमें हमारे सबसे मुश्किल दौर सिखाते हैं।

जब सब साथ छोड़ देते हैं, तब इंसान खुद को पहचानता है।

लोग आते हैं, लोग जाते हैं,

लेकिन अगर आपका उद्देश्य साफ़ है, तो कोई भी टूटन आपको रोक नहीं सकती।

दर्द अगर सही दिशा में बदल दिया जाए,

तो वही दर्द आपकी सबसे बड़ी ताक़त बन जाता है।

यह कहानी सिखाती है कि हारना अंत नहीं होता,

असली हार तब होती है जब इंसान कोशिश करना छोड़ देता है।

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